शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

"भवन निर्माण में शेषनाग का विचार अवश्य करें ?{"झा शास्त्री"}


--एन्द्रियाम सिरों भाद्रपदः  त्रिमासे। याम्याम शिरो मार्ग शिरस्त्रयम च । फाल्गुनी  मासाद दिशि पश्चिमीयाम।ज्येष्ठात त्रिमासे च तिथोत्तरेशु ।।
-----{१}भाव -भाद्रपद ,आश्विन ,एवं कार्तिक {सितम्बर ,ओक्ट्बर ,नवम्बर }इन तीन महीनों में शेषनाग का सिर पूर्व दिशा में रहता है ।
---{२}-मार्गशीर्ष ,पौष ,एवं माघ {दिसंबर ,जनवरी ,फरवरी }इन तीन मासों में शेषनाग का सिर दक्षिण दिशा में रहता है ।।
---{३}-फाल्गुन ,चैत्र ,वैशाख { मार्च ,अप्रैल ,मई }-इन तीनों मासों में शेषनाग का सर पश्चिम दिशा  में रहता है ।
----{४}-ज्येष्ठ ,आषाढ़ ,एवं श्रावण{जून ,जुलाई ,अगस्त }इन तीनों मासों में शेषनाग का सिर" उत्तर दिशा में रहता है ।।
---   "शिरः खनेत  मात्री पितरोश्चा हन्ता खनेत पृष्ठं भयरोग पीड़ा । तुछ्यम खनेत त्रिशु  गोत्र हानिः स्त्री पुत्र लाभों वाम कुक्षो ।
---अर्थात -जो कोई शेषनाग के सिर [मुख } पर से मकान की नीव रखकर चिनाई शुरू कर दे -तो उस मकान मालिक के माता पिता को हानी पहुँचती है । पीठ पर चिनाई करने से भय एवं रोग से पीड़ित रहते हैं भूमिपत्ति।पूंछ पर चिनाई करने से वंशावली दोष से पीड़ित हो जाते हैं मकान के स्वामी ।और खली जगह पर चिनाई करने से पत्नी को कष्ट होता है ,एवं पुत्र ,धन की भी हानी होती है ।।
अतः ----जब सूर्यदेव-सिंह ,कन्या,तुला राशि में हों तो--अग्नि दिशा में खोदें एवं चिनाई शुरू करें ।
------जब सूर्य देव -वृश्चिक ,धनु ,या  मकर राशि में हों तो -ईशान कोण में चिनाई शुरू करनी चाहिए ।
-------जब सूर्यदेव -कुम्भ ,मीन या मेष राशि में हों तो वायव्य कोण में चिनाई शुरू करनी चाहिए ।   
----जब सूर्य देव -वृष  ,मिथुन या कर्क  राशि में हों तो चिनाई  नर्रितय  कोण से शुरू करें ।   ------------ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत ----ज्योतिष जानकारी या परामर्ष के लिए -भवदीय निवेदक "झा शास्त्री" निःशुल्क "ज्योतिष "सेवा रात्रि 7 से 9 मित्रता से प्राप्त करें || https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616www.facebook.com/pamditjha ,www.facebook.com/astrojhameerut

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